1984 भोपाल गैस त्रासदी के पीड़ितों के लिए डाउ केमिकल्स से अतिरिक्त मुआवजे की मांग को लेकर केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव पिटीशन दायर की है। इस पर मंगलवार को जस्टिस अरुण मिश्रा की अध्यक्षता वाली 5 जजों की बेंच ने कहा कि आज इस पर सुनवाई नहीं करेंगे। हम चीफ जस्टिस एसए बोबडे के निर्देश का इंतजार कर रहे हैं। वे इस मामले में सुनवाई के लिए बेंच गठित करने पर फैसला लेंगे। वहीं, 5 सदस्यीय बेंच में शामिल जस्टिस एस रविंद्र भट्ट ने खुद को सुनवाई से अलग कर लिया, क्योंकि उन्होंने पहले सरकार की ओर से दायर रिव्यू पिटीशन की पैरवी की थी। अगली सुनवाई बुधवार को होगी।
केंद्र सरकार ने अमेरिकी फर्म यूनियन कार्बाइड कॉरपोरेशन (अब डाउ केमिकल्स) से गैस कांड पीड़ितों की मदद के लिए 7,844 करोड़ रुपए के अतिरिक्त फंड की मांग को लेकर 2010 में याचिका दाखिल की थी। अमेरिकी कंपनी सेटेलमेंट के तौर पर पहले 715 करोड़ रुपए का मुआवजा दे चुकी है।
गैस रिसाव से 3 हजार जानें गईं, 1 लाख से ज्यादा प्रभावित
1984 में 2-3 दिसंबर की रात भोपाल स्थित यूनियन कार्बाइड के प्लांट से जहरीली गैस का रिसाव हुआ था। इस दौरान 3 हजार से ज्यादा लोगों की जान गई थी। एक लाख से ज्यादा इससे प्रभावित हैं। गैस त्रासदी के 35 साल बीतने पर भी पीड़ितों के लिए राहत और पुनर्वास के इंतजाम नकाफी हैं। पीड़ितों को जितना मुआवजा मिलना चाहिए वो भी अब तक नहीं मिला। वहीं, यूनियन कार्बाइड में पड़ा जहरीला कचरा हटाने के लिए भी कोई योजना नहीं बनी।