मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी जैसी दुनिया की सर्वश्रेष्ठ यूनिवर्सिटी से पढ़े गणितज्ञ जिम सिमन्स आज दुनिया के सबसे सफल निवेशक हैं। उन्होंने 1978 में अपना गणित का शानदार कॅरिअर छोड़ दिया था। उन्हें निवेशक बनना था। 1980 के दशक के शुरुआती समय तक उन्होंने बॉण्ड, करंसी और दूसरे निवेश माध्यमों में क्रूड कंप्यूटर ट्रेडिंग मॉडल और अपनी समझ के हिसाब से निवेश किया, लेकिन बड़ा घाटा हुआ। ग्राहकों ने शिकायत करनी शुरू कर दी। साथी गणितज्ञों को समझ नहीं आ रहा था कि उन्होंने ऐसा क्यों किया, लेकिन आज वे दुनिया का सबसे सफल निवेशक हैं।
सफल इतने कि अब इनका नाम वॉरेन बफे और जॉर्ज सोरास जैसे इंवेस्टर के बराबर लिया जाता है। इन्हें अब वॉल स्ट्रीट का सबसे महान निवेशक कहा जा रहा है। वॉरेन एडवर्ड बफे एक अमेरिकी निवेशक हैं। उन्हें दुनिया के सबसे महान निवेशकों में से एक माना जाता है। बर्कशायर हैथवे कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और सबसे बड़े शेयर धारक हैं।
बफे से तुलना को ऐसे समझें
सिमन्स ने 1982 में 44 वर्ष की उम्र में 'रीनेसन्स टेक्नोलॉजीस' कंपनी से शुरुआत की थी। इसके एक उत्पाद मेडालियन फंड ने 1988 से 2018 तक 100 अरब डॉलर का ट्रेडिंग मुनाफा कमाया है। फीस से पहले इसका औसत सालाना रिटर्न 39 फीसदी (66 फीसदी फीस से पहले) है। जबकि इसी दौरान वॉरेन बफे की कंपनी बर्कशायर हैथवे का रिटर्न 16 फीसदी ही रहा। यानी 1988 में अगर किसी ने सिमन्स के फंड में एक डॉलर लगाया था, तो उसे अभी करीब 27 हजार डॉलर मिलते जबकि बर्कशायर हैथवे में उसे रिटर्न में 107 डॉलर मिलते।
सिमन्स की कहानी उनकी किताब
सिमन्स को आधुनिक जगत का सबसे महान इंवेस्टर माना जाता है। आज सिमन्स की संपत्ति 21 अरब डॉलर है। हाल ही में आई किताब 'द मैन हू सॉल्व्ड द मार्केट' में बताया गया है कि कैसे सिमन्स ने निवेश की दुनिया में सफल कॅरिअर बनाया है। इसे किताब के लेखक वॉल स्ट्रीट जर्नल के ग्रिगोरी जकरमैन हैं। जकरमैन ने 1978 में करंसी में निवेश से धंधा शुरू किया था। शुरू में वे मार्केट के ट्रेंड और करंसी की वैल्यू घटने-बढ़ने के आधार पर अनुमान लगाकर निवेश करते थे। इसमें वे सफल नहीं हुए। बाद में सिमन्स ने अपने दोस्तों की सलाह पर इस बिजनेस में गणित का इस्तेमाल करने की ठानी। उन्होंने तय किया कि अब वे इमोशन को छोड़कर शुद्ध डेटा पर विश्वास करेंगे।